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मोहम्मद यूनुस ने ऐसे किया बांग्लादेश का 'बेड़ा गर्क'

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By: Yogesh kumar Gulati  एक नोबेल विजेता की विफलता का विश्लेषण समझिए। बांग्लादेश अब पूरी तरह कंगाली की राह पर बढ़ चला है। बांग्लादेश की जनता बोली, नायक नहीं खलनायक है तू। नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस, जिन्हें माइक्रोफाइनेंस की दुनिया में एक क्रांतिकारी माना जाता है, वर्तमान में बांग्लादेश के आर्थिक संकट में एक विवादित शख्सियत के रूप में उभर रहे हैं। एक समय में गरीबी उन्मूलन और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए विश्व भर में सम्मानित यूनुस अब बांग्लादेश की चरमराती अर्थव्यवस्था और राजनीतिक अस्थिरता के कारण कठघरे में खड़े हैं। आइए समझते हैं कि कैसे बांग्लादेश, जो कभी एक तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था मानी जाती थी, आज आर्थिक बर्बादी की ओर बढ़ रहा है और इस पूरे संकट में यूनुस की भूमिका क्या है। मोहम्मद यूनुस और उनकी प्रारंभिक सफलता 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले मोहम्मद यूनुस का माइक्रोफाइनेंस मॉडल, जिसे उन्होंने 'ग्रामीण बैंक' के रूप में स्थापित किया, गरीबों के लिए कर्ज उपलब्ध कराने का एक नया और सफल तरीका माना गया। इस मॉडल ने लाखों गरीब लोगों, विशेषकर ग्रामीण महिलाओं, को सूक्...