इस तरह बीजेपी के दंगल को आसान बनाएगी आप?
हरियाणा में बीजेपी का रास्ता साफ करेंगे केजरीवाल!
By: Yogesh Kumar Gulati
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने गठबंधन की संभावनाओं को नकारते हुए 20 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है, जिनमें कुछ सीटें वो भी शामिल हैं जिन पर कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। यह फैसला हरियाणा में विपक्षी एकता को चुनौती देता नजर आता है और चुनावी समीकरण को दिलचस्प बना रहा है।
AAP के इस कदम से यह साफ हो गया है कि वह इस चुनाव में पूरी 90 सीटों पर लड़ने की तैयारी में है। इससे पहले भी AAP के नेताओं ने हरियाणा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के संकेत दिए थे, लेकिन अब पार्टी का यह ऐलान साफ करता है कि वह कांग्रेस के साथ किसी गठबंधन की उम्मीद को खत्म कर चुकी है।
इस घटनाक्रम का सबसे बड़ा असर कांग्रेस पर पड़ सकता है, जो हरियाणा में बीजेपी का प्रमुख प्रतिद्वंद्वी है। खासकर उन सीटों पर, जहां कांग्रेस ने पहले ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, वहां पर AAP के उम्मीदवारों की मौजूदगी वोटों के बंटवारे का कारण बन सकती है। यह स्थिति बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, क्योंकि विपक्ष के बंटे हुए वोटों का सीधा फायदा सत्ताधारी पार्टी को मिलेगा।
AAP हरियाणा में खुद को तीसरी ताकत के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रही है। 2024 के लोकसभा चुनावों के नतीजों में हरियाणा की 10 में से एक सीट जीतकर AAP ने यह जता दिया कि वह राज्य में अपना आधार बढ़ा रही है। अब विधानसभा चुनावों में पूरी ताकत के साथ उतरकर AAP कांग्रेस को सीधी टक्कर देने की तैयारी में है।
AAP की रणनीति यह संकेत देती है कि वह पंजाब की तरह हरियाणा में भी अपनी सरकार बनाने का सपना देख रही है। हालांकि, हरियाणा की राजनीतिक स्थिति पंजाब से अलग है। यहां पर क्षेत्रीय राजनीति और जातिगत समीकरण अहम भूमिका निभाते हैं। AAP को जाट और गैर-जाट वोटों के बीच संतुलन बनाना होगा और क्षेत्रीय दलों के प्रभाव से भी निपटना होगा।
कांग्रेस के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि अगर AAP के उम्मीदवार मजबूत प्रदर्शन करते हैं, तो कांग्रेस को कई सीटों पर नुकसान हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस चुनौती का सामना कैसे करती है और विपक्षी एकता के बिना बीजेपी का मुकाबला करने की क्या रणनीति अपनाती है।
हरियाणा चुनाव के इस बदलते समीकरण में AAP का यह कदम एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। अब सवाल यह है कि क्या AAP अकेले दम पर हरियाणा की राजनीति में अपनी जगह बना पाएगी या फिर यह बीजेपी के लिए अप्रत्यक्ष रूप से मददगार साबित होगी?
आपकी क्या राय है इस नई राजनीतिक चाल पर? क्या AAP हरियाणा में कांग्रेस के लिए चुनौती बनेगी या यह बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित होगी?
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें