कहानी: "परछाइयों के बीच पराए" Part - 1

कहानी: "परछाइयों के बीच पराए" Part - 1 वर्ष 2035 का एक शांत दिन था, लेकिन यह शांति केवल सतह पर थी। धरती पर, जहां इंसान अपने जीवन की आपाधापी में व्यस्त थे, वहीं अंतरिक्ष की गहराइयों में कुछ बड़ा घटित हो रहा था। नासा के प्रमुख अंतरिक्ष यात्री कैप्टन रोहन मलिक के जीवन में वह दिन सामान्य नहीं था। रोहन, जो पहले ही कई अंतरिक्ष अभियानों का नेतृत्व कर चुका था, एक नई चुनौती का सामना करने वाला था - एक ऐसा रहस्य जो न केवल पृथ्वी को बल्कि पूरी मानवता के अस्तित्व को हिला देने वाला था। रोहन को नासा के गुप्त ऑपरेशन सेंटर से बुलावा आया। वहां की गंभीरता और तनाव ने उसे महसूस करा दिया कि कुछ बेहद असाधारण होने वाला है। नासा के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. रेबेका विल्सन ने उसे बताया, "रोहन, हमें एक अजीब सिग्नल मिला है, और यह सिग्नल कहीं बाहरी अंतरिक्ष से नहीं, बल्कि पृथ्वी के भीतर से आ रहा है।" रोहन ने हैरानी से पूछा, "पृथ्वी के भीतर से? क्या यह कोई गलती है?" डॉ. रेबेका ने गंभीर आवाज में कहा, "नहीं, यह सिग्नल स्पष्ट है। यह सिग्नल इतनी उच्च फ्रिक्वेंसी पर है कि इसे इंसान के बनाए क...